300 रुपये सस्ता गैस सिलेंडर के लिए बड़ा फैसला, मोदी सरकार ने किया ये ऐलान

केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम उज्जवला योजना के लिए 12060 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। साल 2016 में शुरू की गई इस स्कीम के तहत 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को सामान्य ग्राहकों के मुकाबले 300 रुपये सस्ता एलपीजी सिलेंडर मिलता है। देश की राजधानी दिल्ली में एक सामान्य ग्राहक के लिए 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 853 रुपये है। वहीं, उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को 300 रुपये की सब्सिडी के साथ 553 रुपये में एलपीजी सिलेंडर दिया जाता है। बता दें कि सिलेंडर की कीमत हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है।

योजना के बारे में

बीते एक मई को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के नौ वर्ष पूरे हो गए हैं। मई 2016 में शुरू की गई पीएमयूवाई योजना के लाभार्थी को 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर पर साल में अधिकतम नौ बार रिफिल के लिए 300 रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जबकि 5 किलोग्राम के सिलेंडर पर समानुपातिक लाभ मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों के लिए एलपीजी को और अधिक किफायती बनाना और वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसका निरंतर उपयोग सुनिश्चित करना है।

तेल कंपनियों 30,000 करोड़ रुपये की राहत

इस बीच, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने अंडर रिकवरी के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को 30,000 करोड़ रुपये की सरकारी मदद को मंजूरी दी है। ये सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड हैं। वैष्णव ने कहा कि यह सपोर्ट मौजूदा जियो पॉलिटिक्स आउटलुक के अलावा तेल और गैस क्षेत्र की अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए दिया गया है।

तेल कंपनियों को मुआवजा देगा मंत्रालय

तेल कंपनियों में मुआवजे का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। सरकार ने कहा कि मुआवजे का भुगतान बारह किस्तों में किया जाएगा। सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2024-25 से ऊंची बनी हुई हैं। उपभोक्ताओं पर उतार-चढ़ाव की कीमतों का बोझ डालने से बचने के लिए तेल विपणन कंपनियों को काफी नुकसान हुआ। इसके बावजूद तेल विपणन कंपनियों ने देश में सस्ती कीमतों पर घरेलू एलपीजी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की।

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